तेरी चाहत मैं - 13

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दिल के किसी कोने में मैं अजय अब रिया को महसूस करने लगा था। उसे समझ नहीं आ रहा था की असल मैं बात क्या है। किसी से ज़िक्र भी नहीं करना चाहता था। उसकी ये बेनाम और अंसुलझे हुई सोच उसे समाज भी नहीं आती थी। ऐसे ही कुछ दिन और बीत गए। एक सुबह कॉलेज की कैंटीन मैं अजय अखबार ले कर आया। हीना बोली "क्या जरूरी कोई रिश्ते के लिए एड दिया है या कोई एड पसंद आया है?" सब हंसने लगे।अजय बोला "कमबख्तो मैं सब के भले के लिए अखबार लाया हूं। जरा एक विज्ञापन देखो।"