केतकी की तेरहवी हो चुकी थी । करीब 20 दिन बाद .. जब अभय पर केतकी की माॅ का ध्यान गया ..उसे लगा कि मेरा दामाद कितने अच्छे शील स्वभाव का है .. अभय को वहां सभी की देखभाल करते देखा था , रातभर जग जग कर सभी की देखभाल कर रहा था । वह अभय के बारे मे सोचकर दुःखी हो रही थी । केतकी की मृत्यु के बाद सबका केन्द्र बिन्दु वह खुद बनी हुई थी । सबको चिन्ता केतकी की माॅ की ही थी । कहावत प्रचलित है कि बेटे से भी प्यारा महिलाओ को अपना दामाद