Confession - 18

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18    अतुल  तू  एक काम  कर ! तू  यह  बैग  लेकर  फादर  एंड्रू  के चला  जा ।   मैं  शुभु  के साथ  रहता  हूँ । हम  आंटी की  अंतिम  यात्रा  को पूरा  करते है । तू  विशाल  के साथ  जाकर  इस   किस्से  को भी खत्म  करने  की शुरुवात कर'।   यश  ने शुभु  को सँभालते  हुए  कहा । शुभांगी  रोए  जा रही  है । अब  भी  उसको  यहीं  लगता है  कि  उसकी  माँ  जाग  जाएंगी । अतुल ने यश की बात  सुनी, फ़िर  कुछ सोचकर  बोला, "यार ! कह  तो तू  ठीक रहा है, मगर  अपना और  शुभु