14 शुभांगी सूटकेस के अंदर से ही चिल्ला रही है। मगर उसकी माँ अल्का लगातार हँसती जा रही है। 'माँ! माँ!' कहते हुए उसकी आँख खुल गई और उसने देखा कि वह अपने कमरे में ही है । उसने अपनी गर्दन पर हाथ लगाया, अपने हाथ को छुआ तो उसे दर्द महसूस हुआ । आसपास कोई नहीं है। इसका मतलब वो सपना देख रही थीं, उसने चैन की सांस ली । सपना ही होगा, आखिर उसकी अपनी माँ कैसे उसके साथ ऐसा कुछ कर सकती है। पाँच बज चुके है । उसने पानी पिया और खिड़की से बाहर