अग्निजा - 73

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प्रकरण-73 केतकी दीदी ने घर खरीद लिया यह खबर सुन कर भावना की खुशी सातवें आसमान पर थी। अपनी मेहनत और अपनी हिम्मत के भरोसे अपने नाम पर घर लिया था उसने। अब उसको यह देखने की जल्दी मची थी। लेकिन केतकी ने उसे जैसे-तैसे समझाया, उसी समय फोन बजा। भावना ने फोन उठाया, “हैलो...” “मैं जीतू। अपनी दीदी से कहना कि कल शाम को छह बजे मैं स्कूल के पास पहुंचूंगा...” वह कुछ उत्तर देती इसके पहले ही जीतू ने फोन रख दिया। भावना ने केतकी से पूछा, “अब ये क्या नाटक है? कल तो महीने का आखिरी दिन