'ये हथियार कुछ अलग है। परशु मेरी आँखों के सामने पड़ा है और खड़ग् मेरे हाथ में है। आयुष मेरी गिरफ्त में है, तो किसी अज्ञात हमलावर ने किसी अज्ञात हथियार से पीठ में वार किया है। कौन है वो अज्ञात??? फिर से निशा??? नहीं.... नहीं, निशा पर मुझे पूरा भरोसा है। पहले जो हुआ वो गलतफहमी थी, पर अब नहीं। तो फिर कौन?? हे पिताश्री, तो वो ये है!!! मुझे पहले ही समझ जाना चाहिए था।' सोचते-सोचते आश्चर्य के साथ पियूष घूमा तो पीछे मधु थी। उसके हाथ में एक अलग हथियार था। जिसका लम्बा नुकीला फल एक लम्बे