श्राप एक रहस्य - 16

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घीनु को मरे तीन दिन बीत गए थे। घाटी में सभी चैन की सांस ले रहे थे...लेकिन एक दोपहर। "सुनिए मैं लिली हूं"।लिली ने घाटी के ही एक सभ्य इंसान को रोककर कहा। वो आदमी शायद किसी स्कूल का शिक्षक था, ये भरी दोपहर का वक़्त था और वो अपने घर लौट रहा था। लिली बेहद मैले कुचैले कपड़ों में अस्त व्यस्त सी थी। उसे देखकर लगता है जैसे वो कब से सोयी ना हो। उसकी आंखें गहरी लाल हो गई थी। शरीर अजीब तरह से सिकुड़ने लगा था। जैसे भीतर ही भीतर कोई डर उसे खा रहा हो। वो