माया ने चुप्पी तोड़ते हुये क्या ..मैं इस युवक के साथ आध्यात्मिक साधना करूंगी...माया की बात सुनकर वहां उपस्थित सभी लोग दंग रह गये..और कुछ देर के बाद वो बजुर्ग बोला जो स्वर्ण महल का मालिक था...पुत्री तुमने मेरी बात को शायद ध्यान से नहीं सुना होगा..इस युवक की जान को वो ही स्त्री बचा सकती है जैसे योगिनी मण्ड़ल में पारांगता प्राप्त कर ली है..और तुम तो अभी बीस वर्ष की हो और योगिनी मण्डल में पारांगता प्राप्त करने लिए बड़ी -बडी साधिकाओं की उम्र गुजर जाती है तब भी वे योगिनी मण्ड़ल में प्रवेश प्राप्त नहीं कर पाती