उड़ती हुई ऐश के दो मन हो गए। एक मन तो कहता था कि वह अभी बंदर महाराज की बातों की सच्चाई का पता लगाए। ये कोई मुश्किल भी नहीं था। नीचे झील के उस पार बहुत से पक्षी बैठे ही थे। बस एक बार नीचे उतरने की देर थी। कोई न कोई उसे देखते ही जीभ लपलपाता हुआ आ ही जाता। मर्दों को तो औरतों को देखते ही कुदरती बुखार चढ़ ही जाता है। फिर ऐश जैसी युवा और खूबसूरत चिड़िया के लिए इन नरों की क्या कमी होती। वह तो खुद ही अब तक इनसे अपने आप को