दो पागल - कहानी सपने और प्यार की - 22

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अंक २२ पिता-पुत्र        नमस्कार दोस्तों। आशा करता हु की आप सब ठीक ही होंगे। आज मे लेखक वरुण पटेल फिरसे हाजिर हु आप के बिच हमारी बहुत ही मजेदार कहानी दो पागल के एक और अंक के साथ लेकिन मेरी बिनती है आप सभी लोगो से कि अगर आपने आगे के २१ अंको को नहीं पढा है तो सबसे पहले उन अंको को पढले ताकी आपको यह अंक अच्छे से  समझ आए।        आगे आपने देखा की कैसे रात को शराब के नशे मे धुत रुहान को जीज्ञा और रवी उसके घर पहुचाते है जहा पे आपका