अंक १५ - दोस्ती और प्यार की शुरुआत हम राक्षसों के बिच है अंश हम से कुछ नहीं हो सकता अब तो बस जैसे तैसे यह जीवन कट जाए ...दिव्या ने कहा आप एसा मत बोलिए ...अंश ने कहा एसा ना बोलु तो क्या बोलु में एक बार मेरे जैसा जीवन जीके देखो तब आपको पता चलेगा एसा जीवन जीने के बाद तो मौत भी आसान लगने लगती है अंश तुम कुछ करो मै एसा जीवन नहीं जी सकती पहले लग रहा था की एसे ही जिंदगी कट जायेगी पर नहीं मुझसे