मैंने पिछले चार महीने से कोई छुट्टी नहीं ली थी। इसलिए एक अजीब सी थकान शरीर पर चस्पां थी। ठीक वैसे ही, जैसे लंबे समय तक आप बस में बैठे रहें तो उतरने के बाद भी बस की गति का भ्रम आपके स्थिर शरीर को डोलायमान रखता है। इसलिए जब कैलेंडर ने बताया कि दो दिन बाद दो छुट्टियां एकसाथ आ रही हैं तो जी फुलझड़ी सा चटचटाने लगा। एक छुट्टी का तो अमूमन कोई मतलब ही नहीं होता। साप्ताहिक सौदा- सुलफ लाने, सामाजिक दायित्वों को निपटाने - टरकाने और रोजमर्रा के छेदों को रफू - पैबंद करने में ही