कॉलेज की छुट्टियां होने वाली थीं, शाम को गली के नुक्कड़ पर तीनों दोस्त मिले। करण ने पूछा - "तो इस बार छुट्टियों का थीम क्या रहेगा?" - थीम? थीम क्या? शाबान ने आश्चर्य से पूछा। - अरे, थीम माने एजेंडा। अर्थात इस बार हम छुट्टियों में किस विचार पर काम करेंगे? थॉमस ने समझाया। शाबान के गले ये बात फिर भी नहीं उतरी। उसने कहा - क्या हम छुट्टियों में भी काम करेंगे? फिर छुट्टियों का मतलब ही क्या? - भाई, जब हम कॉलेज नहीं जायेंगे, तब भी टाइम पास के लिए कुछ तो करना होगा न, बस वही