काफी दूर जाने के बाद आखिरकार वो लोग एक बड़े से गोदाम के सामने पहुँचे। वोह आदमी अनिका को खींचे कर अंदर ले जाने लगा और अनिका उस से छूटने की कोशिश करती रही। उसकी आंखों में आंसू जलने लगे थे और जो भावनाएं वोह अपने अंदर काफी देर से समेटे हुई थी वोह अब फूट पड़ी थी। "तुम बेवकूफ हो! यह सब करके तुम क्या हासिल करना चाहते हो? और झगड़ा? आधे लोग तोह तुम्हारे यह बेवकूफी भरे हिंसा और अहम की वजह से ही मारे जा चुके हैं। अभी बंद करदो अपना यह पागलपन!""चुप, एकदम चुप!" उस आदमी