अनिका बाहर हो रही सेरेमनी में वापिस आ गई थी। एक घंटे बाद, नीलांबरी, अपने साथ कुछ लोगों को लिए, सिंघम मैंशन के एंट्री गेट के पास इंतजार कर रही थी, अपनी गाड़ी आने का। नीलांबरी को अपना सामान के साथ खड़ा देख कर वहां के लोगों में कुछ टेंशन कुछ गंभीरता बन गई थी। अनिका अपनी बुआ के पास चलती हुई आई। "काश आप हमारे साथ कुछ और वक्त रुकती," अनिका ने यह बात जानबूझ कर तेज़ आवाज़ में कहीं। "पर आपकी यह बात बहुत अच्छी लगी की आपने अपने लोगों को यहां रुकने की इजाज़त दे दी ताकि