रमा शंकर पिछले 15 सालों से दीनदयाल के घर पर किराए से रह रहा था । रमा शंकर के पिता महादेव अपनी पत्नी गौरी के साथ गाँव में रहते थे, जहाँ उनका एक खेत था जिसमें उनके छोटे भाई का भी हिस्सा था। उसी खेत में एक पक्का मकान था, जिसमें दोनों परिवार साथ रहते और मिल जुल कर खेती करते थे। रमा शंकर गाँव से शहर आ गया था और एक सरकारी दफ़्तर में क्लर्क की नौकरी कर रहा था। रमा शंकर और उसकी पत्नी की कोई औलाद नहीं थी। दीनदयाल भी अपनी पत्नी पूनम और बेटे तरुण के