भूली बिसरी खट्टी मीठी यादे - 26

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फिर मुझे देखा गया।मैं नीचे कही नही मिला।तब सब बोले कहा गया।किसी ने बताया ऊपर की छत पर हूँ।कोई बोला, बुला लाओ। लेकिन मेरे स्वभाव से सब डरते थे।सबने मुझे जगाने से मना कर दिया तब सुशीला बहनजी मुझे ऊपर से बुलाकर लायी थी।मैं बैठना नहीं चाहता था।इसलिए बड़ी मुश्किल से आया था।मेरी नवब्याहता पत्नी कमरे में बैठी सब सुन रही थी। बहु के पास बैठ जा वह मूझे कमरे में छोड़कर चली गयी थी।मैं खड़ा रहा तब पहली बार वह बोली, बैठ जाओ। मैं फिर भी नही बैठा तब उसने फिर कहा था, बैठ जाओ क्यो? मैं कह रही हूँ। और मै बैठ गया।उसने घूंघट निकाल रखा था।पर उसकी