नाजायज रिश्ते का अंजाम--पार्ट 3

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सुधीर रेस्तरां जाने के लिए तैयार हो रहा था।उसने भी उस पत्र को पढ़ा था।इटारसी में उसके दूर के रिश्ते के मौसा रहते थे।मौसाजी के जिगरी दोस्त मोहन का लड़का था राजेन्द्र।वह मुम्बई में एक कम्पनी में एक साल के लिए अप्रेंटिसिप करने के लिए आया था।मौसाजी ने राजेन्द्र के रहने की व्यस्था करने के लिए पत्र लिखा था।"अभी तुम खाना पीना खाकर आराम करो।मैं शाम को लौटूंगा तब हम बात करेंगे।सुधीर रोज की तरह अपने काम पर चला गया।राजेन्द्र तैयार होकर जॉइन करने के लिए कम्पनी चला गया।रात को सुधीर लौटा तब राजेन्द्र बोला,"भाई साहब मेरे लिए कमरा।"सुधीर कुछ