अनूठी पहल - 10

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- 10 - जब से पवन दुकान का कामकाज सँभालने लगा था, प्रभुदास का अधिक समय जन-कल्याण के कार्यों में लगने लगा। स्थानीय पंचायत के चुनाव नज़दीक आने लगे तो मंडी के प्रबुद्ध नागरिकों ने प्रभुदास को चुनाव में नामांकन भरने के लिए प्रार्थना की। जब यह बात पार्वती के कानों में पड़ी तो उसने प्रभुदास से पूछा - ‘प्रभु, क्या तू पंचायत के चुनाव लड़ने की सोच रहा है?’ ‘माँ, मेरा तो मन नहीं था, किन्तु मंडी के लोग दबाव डाल रहे हैं कि मैं चुनाव में खड़ा होऊँ।’ ‘बेटे, वैसे तो तेरी मर्ज़ी है, लेकिन चुनावों में एक