अशोक वाटिका की सीता - 1

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चिंतन एक व्यक्ति को दूसरे व्यक्ति से या समुदाय से जोड़ने की माध्यमी भावना है। इससे तो भगवान भी अछूते नहीं रहे है। तो भगवान के मनुज अवतार राम और उनकी भार्या सीता कैसे रहते?? शांतिप्रिय राम जब सीता हरण के समय उनकी चिंता में व्याकुल हुए तो उसकी परिणति कल्याण के मार्ग को खोजने में हुई। रावण के विनाश में हुई। जो सर्व के लिए चिंतन वहां श्री राम ने दिखाया, उसके कारण उनकी प्रतिष्ठा श्री को प्राप्त होने लगी। किन्तु...........................…………………………… इससे पूर्व का एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम जानना जरूरी है जो अशोक वाटिका की सीता में आपको दिखेगा ।