फिर वहां से एक एक गाड़ी निकल गई।हिना अमर के साथ एम्बूलैंस में बैंठी थी।शिमला से चंडीगढ़ गाड़ी से ही निकल गए।हिना ये सोच कर परेशान हो रही थी कि अब मम्मी पापा को क्या मुंह दिखाऊंगी।कुछ भी अच्छा तो नहीं हुआं अमर क्यों चले गए किसी से बात भी नहीं किया बस मुंह फेर लिया।किस के सहारे छोड़ गए मुझे मेरा तो कोई नहीं अब।डैडी ने कहा था कि अब कभी मत आना वापस वहीं से चली जाना। अपने जीवन का पुरा छण तुम वहां ही रहना।।फिर कुछ घंटे बाद ही हम अपने घर पहुंच गए।वहां पर बहुत भीड़