मेरे घर आना ज़िंदगी - 26

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(26)अमृता के मन में डर आ गया था इसलिए वह काम में मन नहीं लगा पा रही थी। उसका मन कर रहा था कि एकबार समीर से बात कर ले। जिससे उसके मन को तसल्ली हो जाए। लेकिन कुछ समय पहले ही उसे देर से आने के लिए डांट पड़ी थी। अब अगर वह काम के बीच में फोन करती तो सबकी निगाह‌ में आ जाती। अजीब स्थिति थी। ना वह काम में मन लगा पा रही थी और ना ही फोन कर पा रही थी। कुछ देर तक वह काम में मन लगाने की कोशिश करती रही। पर मन