47 - उपसंहार जार्ज ने मैडम डिथो से इलाइजा के संबंध में जो बातें की थीं, उन्हें सुनकर कासी को निश्चय हो गया कि हो न हो, इलाइजा ही मेरी बेटी है। उसके निश्चय का विशेष कारण था। जार्ज ने अपने पिता द्वारा इलाइजा के खरीदे जाने की जो तारीख बताई थी, ठीक उसी तारीख को उसकी कन्या बिकी थी। इस प्रकार दोनों तारीखों के एक मिल जाने से यह अनुमान पक्का हो गया कि मृत शेल्वी साहब ने जिस कन्या को खरीदा था, वह कासी की ही लड़की थी। अब कासी और मैडम डिथो में बड़ी घनिष्ठता हो गई।