इस कहानी का धमाका पूरे पटल ने महसूस किया है। कहानी जिस चुस्त और रोचक अंदाज़ में लिखी गयी है, वह क़ाबिल-ए-तारीफ़ है। भाषा की जीवंतता आद्योपांत बाँधकर रखती है। ज्योति एक दिलचस्प पात्र है। उसकी कुछ महत्वाकांक्षाएँ हैं जिन्हें कहानीकार ने सधी और खरी भाषा में पाठक तक पहुंचाया है। उसकी उड़ानें गुड्डू नामक पात्र, जो वकालत के पेशे में कामयाबी की कई सीढियाँ चढ़ चुका है, पूरी करने की क्षमता रखता है। वल्लरियाँ सीधी खड़ी होने और ऊपर तक जाने के लिए किसी न किसी पेड़ का सहारा लेती हैं यही यथार्थ है...