राजकुमारी मोहिनी के साथ जंगल से लौटने के बाद सेजू ने किसी राज का बिना किसी मेहनत के पता लग जाने की बात कहानी के पिछले भाग में की थी, चलिये देखतें हैं वह राज आखिर था क्या। भाग-12 "भ्रम" (मीनपरि एक मिथ्या।) सेजू एक छोटे से कमरे में बैठी हुई थी। जहां एक पलंग बिछा हुआ था और कुछ बक्से रखे हुए थे, पास ही एक पानी का मटका रखा हुआ था जिसपर एक पीतल का गिलास औंधा था। वहां एक खिड़की थी जिसपर पर्दा था, शायद सेजू वहां किसी का इंतजार कर रही थी। किसी ने दरवाजे पर