मीरा की बिखरी यादें

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मुझे तीन दिन के लिए बैंगलोर एक मेडिकल कोन्फ्रेंस में जाना है। चली जा, अना को मेरे पास छोड़ जाना। अना को तो तू सम्हाल ही लेगी पर तेरी शादी... तेरी शादी के नतीजे हम मिल कर ही भुगत रहे हैं, फिर भी... तेरी शादी भी मेरे जैसी ही हो यह तो जरूरी नहीं! फिर भी अभी तो नहीं ... यार, फिर कब? तुझे पता है हर दूसरे दिन आंटी का फोन आता है। तेरे लिए रिश्ते भी आ रहे हैं। नहीं तो तू अपनी पसंद...” “बस कर यार, ये नहीं झेला जायेगा।” आज तुझे बताना पड़ेगा क्या कारण है?