अछूत कन्या - भाग २३

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भाग्यवंती ने विवेक के पास शहर जाने के लिए अपना सामान पैक किया और ड्राइवर को आवाज़ देते हुए कहा, “रामदीन काका गाड़ी निकालो।” उन्होंने विवेक को भी फ़ोन करके कहा, “विवेक मैं आ रही हूँ बेटा। तुम्हारे घर का पता भेज दो।” फ़ोन पर भाग्यवंती की यह बात सुनकर विवेक और गंगा फूले नहीं समा रहे थे। विवेक ने कहा, “माँ आप स्टेशन तक पहुँचो मैं ख़ुद आपको लेने आ जाऊंगा।” आज गंगा को ऐसा लग रहा था कि कांटों से भरी उसकी पहली सीढ़ी पार हो गई है। अब उसे उसकी मंज़िल ज़रूर मिलेगी। यमुना को इंसाफ़ और