किसी भी कहानी या उपन्यास के लेखन का मकसद अगर ज़्यादा से ज़्यादा पाठकों तक उसकी पहुँच.. उसकी पकड़ को बनाना हो तो ये लाज़मी हो जाता है कि उसकी भाषा..शैली एवं ट्रीटमेंट आम आदमी की समझ के हिसाब से यानी के सहज एवं सरल हो। ऐसे में ये ज़रूरी हो जाता है कि उन कहानियों की विषय वस्तु भी ऐसी हो कि आम पाठक उससे आसानी से खुद को कनैक्ट कर सके..जोड़ सके।दोस्तों..आज मैं लेखिका पूनम अहमद द्वारा लिखे गए एक ऐसे ही कहानी संकलन की बात करने जा रहा हूँ जिसमें हमारे समाज एवं आसपास के माहौल में