अचानक एक सांप छाया के आगे से सरसराता हुआ निकला।सांप को देखकर छाया डर गयी।वह चीखते हुए भागी।भागने की बजह से उसका पैर साड़ी में उलझ गया और वह गिर गयी।अनुपम ने चलते हुए पीछे मुड़कर देखा।छाया जमीन पर गिरी पड़ी थी।उसे जमीन पर गिरा हुआ देखकर भी वह उसे उठाने के लिए आगे नही बढ़ा।"चला नही जाता तो क्यो आयी हो?जल्दी आओ वरना मैं जा रहा हूँ।"अनुपम को अपनी तरफ आता न देखकर छाया ने उठने का प्रयास किया पर वह फिर लड़खड़ा कर गिर पड़ी।"क्या आफत है?"अनुपम गुस्से में छाया की तरफ बढ़ा।उसने छाया का हाथ पकड़कर उठाया।छाया