कुछ ही देर में अपने वादे के मुताबिक बंसीलाल सुशीलादेवी की कार के पास आया। उसके चेहरे पर खिली हुई विजयी मुस्कान देखकर सुशीलादेवी ने राहत की साँस ली। और कुछ पूछना बेमानी था अतः उसके अगली सीट पर कार में बैठते ही उन्होंने ड्राइवर को कार सीधे सुजानपुर पुलिस चौकी की तरफ बढ़ाने का आदेश दे दिया। कुछ ही मिनटों बाद सुशीलादेवी व बंसीलाल दरोगा विजय के सामने बैठे हुए थे। कागजी कार्रवाई पूरी होने के बाद दरोगा ने सामने खड़े सिपाही को उन तीनों लड़कों को हवालात से रिहा कर देने का आदेश दिया। आदेश का पालन किया