दो पागल - कहानी सपने और प्यार की - 16

  • 3.4k
  • 1.7k

     नमस्कार आज फिर हाजीर हु आपके लिए आपकी अपनी बहेतरीन नवलकथा के एक और अंक को लेकर लेकिन मेरी आप से एक बिनंती है कि अगर आपने अभी तक हमारी इस बहेतरीन कहानी के अगले अंको को नहीं पढा है तो प्लीज़ पहले उन अंको को पढले ताकी आपको यह अंक समझ आए। आईए शुरू करते है यह संघर्ष वाला अंक      आगे आपने देखा की केसे वो अंजान आदमी भागने मे सफल हो जाता है और रुहान, जीज्ञा और उसके दोस्त सोच मे पड जाते हैं कि यह आदमी कोन था और क्यो हमारा पीछा कर