अंक १४ पेच-अप ? हेल्लो दोस्तो तो कैसे हो आप लोग। मे आपका अपना लेखक वरुण एस पटेल आज फिर से हाजीर हु आपकी अपनी कहानी यानी दो पागल के १४ अंक के साथ। मे चाहता हु कि आप इस अंक को पढे इससे पहले आगे के तेरह अंको को पढले ताकी आपको यह अंक समझ आए। आइए शुरू करते है पेच-अप वाली गाथा | शुरुआत अगले अंक मे आपने देखा की केसे मनीषभाई के जाने से और जीज्ञा के सपने के टुटने से जीज्ञा और रुहान के रिश्तो में जीज्ञा की वजह से जान बुझकर दुरीया आ रही