अनोखी दुल्हन - ( साथ और साथी_२) 42

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जूही उस दिन अपनी शिफ्ट खत्म करके घर आई। वीर प्रताप अपने लिविंग रूम में सोफे पर बैठ उसी के बारे में सोच रहा था, जब उसने अचानक से दरवाजा खोला। एक पल के लिए वीर प्रताप डर गया। लेकिन उसने तुरंत अपनी हालत सुधारी। जुही उसके सामने आकर बैठ गई।‌‌‌‌‌ वीर प्रताप ने उस पर ध्यान देना जरूरी नहीं समझा। उसकी हिचकिचाहट भांप जूही ने बात शुरू की। " हेल्लो कैसे हो तुम?" जूही ने पूछा।" अभी भी उतना ही बुरा हू जितना तुम कह कर गई थी।" वीर प्रताप का रुखा जवाब तैयार था। जूही को गुस्सा आ