अग्निजा - 51

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प्रकरण-51 उस रात केतकी को न जाने कितनी देर तक नींद ही नहीं आई। क्या परिवार के लोग मुझे दुःख देने के लिए मेरी मां को सताते हैं? क्या मेरा अस्तित्व ही इन लोगों को इतना परेशान कर करता है कि वे मुझे देखते साथ इतना अमानवीय बर्ताव करने लगते हैं? यदि मैंने घर छोड़ दिया तो शायद मां को मिलने वाली तकलीफ कम हो जाएगी। और फिर मुझे भी यहां रह कर कौन-सा सुख मिल रहा है? रोज-रोज की इस परेशानी से छुटकारा पाने का एक ही उपाय है, और वह है घर छोड़ कर निकल जाना। शादी कर