अग्निजा - 42

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प्रकरण 42 केतकी कपड़े धोने की मोगरी को देखते ही रही। यशोदा ने कपड़े धोते समय मोगरी को तोड़-फोड़ दिया था, जैसे कि अपने जीवन पर हो रहे अत्याचारों का बदला ले रही हो। उसने दो-तीन बार नई मोगरी लाकर देने को कहा था,लेकिन उसकी सुनता कौन था? आज बाथरूम में दो-दो नई मोगरियां देख कर केतकी को पने बचपन की याद आ गयी। नाना के घर में केतकी घर-घर खेलते समय हमेशा ही मां बनती थी। वह भी रजस्वला मां। यानी कोई भी काम नहीं करना। एक कोने में बैठ कर बच्चे संभालना। और बच्चे भी कौन? यही मोगरी।