मदन एक झटके से उठ बैठा. बदहवास सा सबसे पहले उसने अपने जिस्म को टटोला, वह नाईट सुट में था. अपने बिस्तर पर देखा उसके सिवा वहां कोई और न था. वह सोचने लगा, अभी-अभी तो एक औरत थी और वह उसके साथ…. तो क्या ये सपना था. कैसा सपना था ये ? कितना गंदा ! मैं किसी औरत के साथ…. उसे एहसास हुआ उसका शरीर पसीने से भिगा हुआ है. वह अपने दिमाग पर जोरे देने लगा कि सपने में वह कौन औरत थी. वह उस चेहरे को याद करने लगा. जब चेहरा साफ हुआ तो उसे काफी शर्मिदगी