अमायरा अब जानती थी की वोह कबीर से प्यार करती है। उसे पहले कुछ डाउट्स थे, कुछ असंकाए थी, उसकी गंभीरता पर उसे हिचकिचाहट होती थी, अपनी ही फीलिंग्स को पहले समझ नही पा रही थी। पर अब उसे कोई ऐसी कन्फ्यूजन नही थी। वोह श्योर थी उसके लिए कबीर की फीलिंग्स पर, वोह फीलिंग्स जो अब बहुत गहरी हो गई थी, की वोह उसे कभी भी अकेला नहीं छोड़ेगा, और रास्ते में आई हर मुश्किल का सामना करेगा। और अमायरा की अपनी फीलिंग्स, वोह उसकी हर एक सांस के लिए जरूरी बन गया है। और वोह अब उससे कैसे