शेष जीवन (कहानियां पार्ट 23)

  • 3.9k
  • 1.7k

जहाँ अनुपम रहेगा उसकी छाया वही रहेगी।सिर्फ मौत ही मुझे तुमसे जुदा कर सकती है।इसलिए मुझ से अलग होने का ख्याल मन से निकाल दो।जब तक जिंदा हूँ तुम्हारी हूँ और रहूंगी।"अनुपम छाया की बात का जवाब देता उस्से पहले कंडक्टर आकर बोला,"कहा जाना है?'"पटना के दो टिकट"कंडक्टर की बात का जवाब छाया ने दिया था।कंडक्टर टिकट काटकर अपनी सीट पर चला गया।।अनुपम रात में सोया नही था।इसलिये सीट पर बैठा बैठा ही सो गया।छाया भी उँगने लगी।और दस बजे बस पटना पहुंच गई थी।छाया साये की तरह उसके साथ लगी थी।वह उससे पीछा छुड़ाना चाहता था पर नही छुड़ा