एक हफ्ता बीत चुका था अभय को वापिस आए और तबसे उन दोनो के रिश्तों में काफी ज्यादा फर्क आ चुका था। अनिका के लिए यह उसकी जिंदगी का सबसे एक्साइटेड समय था, और उसने कभी यह एक्सपेक्ट भी नही किया था जिस जगह पर वोह आज है। वोह बेवकूफों की तरह हर समय मुस्कुराती रहती थी यह सोच कर की जो भी वोह दोनो नॉटी चीजें एक दूसरे के साथ करते थे वोह भी बिना, एक दूसरे का एहसास लिए, बिना एक हुए। अनिका हर समय अभय के साथ रहना चाहती थी, वोह उसके दिन भर हर दिनचर्या में