गंगा जैसे ही घर से निकली तो गीता ने अर्जिता से कहा..... मेमसाब!उसे रोकिए!कहाँ जाएगी ऐसी हालत में, गीता की बात सुनकर अर्जिता बोली.... जब तक वो ये नहीं बताती कि उसके पेट में किसका बच्चा है तो तब तक मैं उसे अपने घर में नहीं रख सकती, कुछ तो तरस खाइए उस पर,गीता बोली।। अगर तुझे उस पर इतनी ही दया आ रही है तो तू ही उसे अपने घर में क्यों नहीं रख लेती,अर्जिता बोली।। फिर गीता कुछ ना बोली और बाहर निकल गई,उसने इधरउधर अपनी नज़र दौड़ाई तो उसे गंगा दूर सड़क पर दिखाई दी,वो भागकर गंगा