सुहाना की मौत पर गीता बहुत रोई,सुहाना से उसे बहुत लगाव था,वो उसकी हमउम्र थी इसलिए जब भी उसे कुछ भी पूछना होता था तो वो उससे पूछ लेती थी,वो उसे कम से कम सात सालों से जानती थी,पहले कावेरी सुहाना के घर काम किया करती थी इसलिए वो गीता को साथ में ले आती थी,कावेरी कभी भी गीता को घर पर अकेली नहीं छोड़ा करती थी उसे अपने पति पर भरोसा नहीं था,सुहाना अपने पुराने कपड़े और खिलौने गीता को दे दिया करती थी,सुहाना से ही गीता ने थोड़ा बहुत पढ़ना लिखना सीखा था,सुहाना ही गीता को मँहगे वाले