तेज़ तेज़ मंत्रों का उच्चारण हवाओं में गूंज रहा था। बहुत सारे पुजारी सुंदर से सजे हुए स्टेज पर अग्नि कुंड के इर्द गिर्द बैठ कर शादी की सभी रीति रिवाजों को अंजाम दे रहे थे। हजारों की संख्या में खूबसूरत कपड़े पहने आदमी और औरतें इस शादी के साक्षी बनने यहां एकत्रित हुए थे। जैसे जैसे शादी की रस्में आगे बढ़ी, दूल्हे की तरफ से आए अतिथि और दुल्हन की तरफ से आए अतिथि एक दूसरे को नफरत से देखने लगे, जैसे कोई जंग हो दोनो के बीच। अपनी ही दुखों से भरी हुई अनिका को भी लगने लगा