एक लंबा चौड़ा आदमी धीरे धीरे उसके पास आ रहा था। उसके पीछे गोलियों की आवाज़ गूंज रही थी, पर उसे कोई परवाह नही थी। हवाओं में खून की बौछार और धूल ने उस आदमी के चेहरे को ढक रखा था। उसे उसका चेहरा ठीक से नही दिखाई दे रहा था।उसे उसकी बुआ और कजिन भी नही दिखाई दे रही थी, तोह उसके मन में पहला खयाल यहां से भागने का आया।उसने अपनी सारी हिम्मत जुटाई, भागने के लिए अपने आप को तैयार किया, पर वोह भाग नही पाई। क्योंकि वोह गाड़ी से बाहर ही नही निकल पाई। उसकी गाड़ी