"हा तो चलो अब हमे अब कुच नही सुन्ना ठीक है" ये बोलते हुए रिहान की अम्मी रिहान का हाथ पकड़ कर रितेश के अड्डे से ले जा ने लगी" उतने मे रितेश बोला चाची कम से कीमी हमे रिहान भाई से मिल तो लेने दो वैसे भी अब तो कई दिनो के बाद ही इनसे मुलाक़ात होगी, रिहान की अम्मी थोडी सी नाजुक हो गई, और बोला की ठीक है जल्दी बोलो जो भी बोलना हो" बाद मे रितेश ने राहुल को बोला की आपका बहुत बहुत धन्यवाद मेरे दोस्त मेरा जो ये बदलाव है, वो सिर्फ आपकी वजह