प्यार का ज़हर - 46

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फटेला : एक और कदम पास आये ना तो इस लड्की की गर्दन दान करूंगा तुमको. भलाई इसमे है. की रुक जाओ वहा के वहा पर.रिहान : ले फ़ीर तू भी मर. खतमकार्तिक : अरे भाई ये कैसा इंसान है. मारने से पेहला सोचता ही नही है. मुझे तो अब इसे डर लगने लगा है.राज : सरस तुम ठीक तो हो ना.सरस : भैया...राज : अरे रोते नही पागल अब हम आगये है. ना अब डरने की जरुरत नही है.रिहान : मे तुम्हारे साथ काम करने के लिए तैयार हू.रितेश : ये हुइ ना बात. अब आयेगा मज़ा.कार्तिक : अरे