प्यार का ज़हर - 39

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《 अगली शुभ... 》राहुल : आखिर कार इस घर मे सब ठीक हो ही गया. इस घर को ना किसी की नज़र लग गइ थी. जो अब हट गइ अब कुच बुरा नही होगा हमारे साथ देखना दादी आप.संतोष : अरे बेटा ऐसा तो क्या हुआ था. हम कुच दिनो के लिये बहार क्या गई. हमे कुच बताना भी जरुरी नही समझा. की घर इतनी सारी मुसिबते आ पडी थी.राहुल : अरे दादी आपको क्या बताता आप बहार घूमने गई थे. बेहना और दादा जी के साथ. और तो बाकी घर वालो ने भी कुच नही बताया आपको. आप खामखा