सपने - (भाग-35)

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सपने.......(भाग-35)आदित्य, नचिकेत, राजशेखर और श्रीकांत ने सब कुछ जैसे परफेक्ट कर दिया था विजय और सविता के लिए......नवीन भी पीछे नहीं हटा......आस्था बहुत खुश थी कि उसके दोस्त कितने अच्छे हैं.....वो अच्छे लोगो के बीच में है, सोच कर ही एक अलग सुकून मिलता है.......आदित्य तो स्कूल और कॉलेज टाइमसे ही दोस्तों पर खुले हाथ से खर्च करता रहा है.....पर किसी ने पीठ पीछे कभी तारीफ शायद ही की हो....क्योंकि सबके लिए तो वो बस बिगड़ा हुआ रईसजादा था, पर इस बार सविता ताई और विजय के लिए जो कुछ भी उसने किया....उसके बदले उसे बहुत सारा आशीर्वाद और दुआएँ