वह लोग घर पहुंच गए थे, उमैर ने कार से उतर कर अज़ीन को गोद में उठा लिया था और उसे लेते हुए उपर अपने कमरे कि तरफ़ जा रहा था, अरीज उसके पीछे पीछे थी जबहि आसिफ़ा बेगम की नज़र उन तीनों पर पड़ी। “यह क्या नाज़ नखरे उठाए जा रहे हैं?” उमैर वहीं रुक गया था और मां को देखने लगा था, वहीं दूसरी तरफ़ अरीज का ख़ून सूख गया था। उमैर कुछ कहने ही वाला था कि तभी उनके पीछे से आवाज़ आई थी। “क्या हुआ? सब खैरियत?” ज़मान ख़ान औफ़िस से अभी अभी लौटे थे। उनकी