मेरे घर आना ज़िंदगी - 18

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(18)मकरंद एकबार फिर कंस्ट्रक्शन साइट पर गया था। वहाँ उसने पता करने की कोशिश की थी कि उसकी बिल्डिंग का काम कब आगे बढ़ेगा। पर इस बार भी वही घिसा पिटा जवाब मिला था। बातचीत चल रही है पर कोई नतीजा नहीं निकल पा रहा है। वहीं उसकी मुलाकात अपने जैसे ही एक भुग्तभोगी पांडे जी से हो गई। उन्होंने रिटायरमेंट के बाद इस प्रोजेक्ट में फ्लैट खरीदने का मन बनाया था। पर उनका पैसा फंस गया था। फ्लैट मिलने की कोई उम्मीद भी नहीं दिख रही थी। पांडे जी ने बहुत दुखी स्वर में कहा,"पत्नी को जीवन भर किराए