पत्थर दिल...

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आज रामरतन उपाध्याय जी बहुत खुश थे क्योंकि आज ही उन्होंने वी.डी.ओ.के पद का कार्यभार सम्भाला था और वो अपनी आँफिस की गाड़ी में उन गाँवों का दौरा करने जा रहे थे जो उनके अण्डर में थे,पहले वो सिलकुआ गाँव जाना चाहते थे क्योंकि उस गाँव में एक सालों पुराना मंदिर है जो पत्थरदिल देवी के नाम से जाना जाता है,उन्होंने उस गाँव का बहुत नाम सुना था ,लोंग कहते हैं कि उस देवी के मंदिर से कोई भी खाली हाथ नहीं लौटता ,जो भी उनके द्वार पर जाता है उसकी मुराद जरूर पूरी होती है,रामरतन जी के मन में